अगर कोई मधुमेह, बालों का समय से पहले झड़ना, यौन नपुंसकता और शीघ्रपतन समेत 78 प्रकार की बीमारियों का टीवी, अखबार या किसी वेबसाइट के माध्यम से इलाज का झूठा दावा करने या चमत्कार के जरिये मर्ज को दूर भगाने का दावा करना मुश्किल हो जाएगा। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ड्रग्स एंड मैजिक रेमेडीज (आपत्तिजनक विज्ञापन) अधिनियम,1954 में संशोधन करने जा रहा है। इस संशोधन के जरिये कानून का दायरा प्रिंट मीडिया से बढ़ाकर इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया तक बढ़ाया जा रहा है। इसके अलावा एलोपैथिक के अलावा होम्योपैथ,आयुर्वेद, यूनानी और सिद्ध दवाओं को भी कानून के दायरे में लाया जा रहा है।
यौन सहित 78 बीमारियों के इलाज झूठा दावा, तो होगी जेल